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बांके बिहारी हमें भूल ना जाना (Banke Bihari Hame Bhul Na Jana)

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,

जल्दी जल्दी वृन्दावन,

हमको बुलाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


जपते रहे हम नाम तुम्हारा,

छूटे कभी ना हमसे वृन्दावन प्यारा,

होता रहे तेरे दर पे आना जाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


भक्ति की ऐसी लगन लगा दो,

संतो की सेवा का भाव जगा दो,

हर वर्ष उत्सव अपना यूँ ही मनवाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


कथा कीर्तन से होता जीवन पवित्र,

साधन बताते यही ‘चित्र विचित्र’,

यूँ ही लुटाना अपनी किरपा का खजाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,

जल्दी जल्दी वृन्दावन,

हमको बुलाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

बुधवार व्रत कथा और महत्व

सनातन हिंदू धर्म के अनुसार सभी सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित होते हैं। इसलिए, हर दिन के अनुसार पूजा-आराधना की जाती है।

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे (Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je)

वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।

होलिका दहन की राख शुभ है या अशुभ?

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है। कुछ जगह मान्यता है कि होलिका में राक्षस हिरण्यकश्युप की बहन होलिका जल गईं थीं इसलिए ये अशुभता का प्रतीक है।

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