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बालाजी मने राम मिलन की आस (Balaji Mane Ram Milan Ki Aas)

बालाजी मने राम मिलन की आस,

बतादो कब मिलवाओगे ।

बालाजी मने राम मिलन की आस,

बतादो कद मिलवाओगे ।


राम रटा था जब शबरी ने,

छोड़कर आए रामनगरी ने ।

आए वह रघुनंदन के दास,

बतादो कद मिलवाओगे ।


बालाजी मने राम मिलन की आस,

बतादो कद मिलवाओगे ।


सुग्रीव राजा ने जमाना,

तेरे कारण हुया याराना ।

ओ.. बाली की काटी साँस,

बतादो कद मिलवाओगे ।


बालाजी मने राम मिलन की आस,

बतादो कद मिलवाओगे ।


रावण का वो भाई विभीषण,

रहा करें वह दिशा दक्षिण ।

अरे.. वो रहा राम के पास,

बतादो कद मिलवाओगे ।


बालाजी मने राम मिलन की आस,

बतादो कद मिलवाओगे ।

बालाजी मने राम मिलन की आस,

बतादो कद मिलवाओगे ।


चंपा षष्ठी की पूजा विधि

भगवान शिव के योद्धा अवतार को समर्पित चम्पा षष्ठी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रुप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

थाईपुसम त्योहार कब है

थाईपुसम त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। भक्तजन जीवन की बाधाओं को पार करने के लिए मार्गदर्शन पाने के लिए मुरुगन से प्रार्थना करते हैं।

शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, होली के सात दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है।

मेरी मैया तेरे दरबार ये, दीवाने आए है (Meri Maiya Tere Darbar Ye Diwane Aaye Hai)

मेरी मैया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है,

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