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बड़ी मुश्किल से आई तेरे दर (Badi Mushkil Se Aai Tere Dar)

बड़ी मुश्किल से आई तेरे दर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी,

लिए संकट हजारो के हर,

आज चिंता माँ हर लेना मेरी,

बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥


तुझे सबकी खबरिया है माता,

तेरी आज्ञा से चलता विधाता,

किसकी किस्मत के कैसे सितारे,

सभी लिखा है पास तुम्हारे,

पास तुम्हारे ॥


कभी इस और करके नजर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी,

बड़ी मुश्किल से आई तेरे दर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥


तेरी करुणा है सबपे बरसती,

फिर क्यों झोली ये मेरी तरसती,

माँ ही बेटी की गर ना सुनेगी,

फिर कहाँ मेरी बिगड़ी बनेगी,

बिगड़ी बनेगी ॥


दे के हंसने का मुझको वर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी,

बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥


अपने आँचल में मुझको छूपाले,

तू माँ अम्बा है अब तो बचा ले,

रह के पथ्थरो में पथ्थर बनो ना,

मेरी निर्दोष विनती सुनो माँ,

हाँ हाँ विनती सुनो माँ ॥


कभी ममता से देखो इधर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी,

बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥


बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी,

लिए संकट हजारो के हर,

आज चिंता माँ हर लेना मेरी,

बड़ी मुश्किल से आईं तेरे दर,

आस पूरी माँ कर देना मेरी ॥

म्हारा खाटू वाला श्याम(Mhara Khatu Wala Shyam, Mhara Neele Shyam)

म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम,

हर देश में तू, हर भेष में तू - प्रार्थना (Har Desh Me Tu Har Bhesh Me Tu)

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

मनमोहन तुझे रिझाऊं तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं(Manmohan Tujhe Rijhaun Tujhe Neet Naye Laad Ladau)

मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

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