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बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम (Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram)

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


कहते हैं तुम हो दया के सागर,

फिर क्यूँ खाली मेरी गागर,

झूमें झुके कभी ना बरसे,

कैसे हो तुम घनश्याम ,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


सुनके जो बहरे बन जाओगे ,

आप ही छलिया कह लाओगे,

मेरी बात बने ना बने ,

हो जाओगे तुम बदनाम,

हे राम, हे राम

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

॥ कब लोगे खबर...॥


चलते-चलते मेरे पग हारे,

आई जीवन की शाम ,

कब लोगे खबर मोरे राम,

हे राम, हे राम


बड़ी देर भई, बड़ी देर भई,

कब लोगे खबर मोरे राम,

बड़ी देर भई,


हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)

हरि नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया,

गजानंद वन्दन करते है (Gajanand Vandan Karte Hain)

गजानंद वंदन करते है ॥
आज सभा में स्वागत है,

अथ कीलकम् (Ath Keelakam)

कीलकम् का पाठ देवी कवचम् और अर्गला स्तोत्रम् के बाद किया जाता है और इसके बाद वेदोक्तम रात्रि सूक्तम् का पाठ किया जाता है। कीलकम् एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो चण्डी पाठ से पहले सुनाया जाता है।

श्री राम स्तुति: नमामि भक्त वत्सलं (Namami Bhakt Vatsalan)

नमामि भक्त वत्सलं ।
कृपालु शील कोमलं ॥

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