नवीनतम लेख

अवध में छाई खुशी की बेला (Avadh Me Chhai Khushi Ki Bela)

अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।


चौदह साल वन में बिताएं,

राम लखन सिया लौट के आए,

घर घर खुशियां छाई,

लगा है, अवध पुरी में मेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।


कौशल्या माँ सुमित्रा कैकई,

सबके मन में आज खुशी भई,

कोई नहीं है अकेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।


सिया राम को राज हुआ है,

खुशी से पागल हो रहे सब जन,

गुरु वशिष्ठ और चेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।

BhaktiBharat Lyrics


​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।

होली आई रे होली आई रे(Holi Ae Re Holi Aae Re)

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी
भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,

बैठ नजदीक तू मेरी माँ के, हर कड़ी दिल की जुड़ने लगेगी (Baith Nazdik Tu Meri Maa Ke Har Kadi Dil Ki Judne Lagegi)

बैठ नजदीक तू मेरी माँ के,
हर कड़ी दिल की जुड़ने लगेगी,

श्री शिव भगवान जी की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥

रम गयी माँ मेरे रोम रोम में (Ram Gayi Maa Mere Rom Rom Main)

रम गयी माँ मेरे रोम रोम में,
रम गयी माँ मेरे रोम रोम में