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अरज सुणो बनवारी (Araj Suno Banwari)

अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,

अरज सुणो बनवारी,

अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,

अरज सुनो गिरधारी ॥


श्वास श्वास मे थारे सुमीरु दाता,

भूलों मति बनवारी,

भुल गया तो रे,

लाज जावेगी,

हँसी होवेगी घणी थारी,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


माया नागणि कियो है कुन्डालो दाता,

ईण ते बेगी उबारो,

मोह माया ने रे,

जाल फसायो,

अब सुध लेवो बनवारी,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


मै मतिहीन हूँ कछु नही दाता,

आयो शरण तिहारि,

भवसागर में रे,

घणो दुख पायो,

अब की पार उतारो,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


आगे संत अनंत ऊबारया दाता,

अबकी बारी हमारी,

दास मलूक कहे रे,

भूली मति जाजौ,

म्हणे तो भरोसों बड़ो भारी,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,

अरज सुणो बनवारी,

अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,

अरज सुनो गिरधारी ॥

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे (Prabhu Ko Agar Bhuloge Bande Need Kahan Se Laoge)

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,
बाद बहुत पछताओगे,

इस दिन पड़ेगी साल की आखिरी शिवरात्रि

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

ब्रह्मा चालीसा (Brahma Chalisa)

जय जय कमलासान जगमूला, रहहू सदा जनपै अनुकूला ।

बनेंगे सारे बिगड़े काम, प्रभु श्री राम को पूजो (Banenge Sare Bigde Kaam Prabhu Shri Ram Ko Pujo)

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प्रभु श्री राम को पूजो,

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