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अपने प्रेमी को मेरे बाबा, इतना भी मजबूर ना कर (Apne Premi Ko Mere Baba Itna Bhi Majboor Na Kar)

अपने प्रेमी को मेरे बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर,

तेरे होते जगवालो के,

आगे झुक जाए ना सर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


चौखट पे जिस दिन से कन्हैया,

सिर ये आके झुका दिया,

स्वाभिमान से जीना जग में,

तुमने हमको सीखा दिया,

जहां विश्वास के दीप जगाए,

वहां निराशा क्यू करे असर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


श्याम श्याम जो कहकर तुमसे,

रात दिन ही आस करें,

जग वालों को कहते फिरते,

श्याम कभी ना निराश करे,

फूल खिले जहां श्याम नाम से,

वो गुलशन ना जाए बिखर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


दानी होकर कैसे कन्हैया,

देना सहारा भूल रहे,

जिसका सब कुछ तुम हो कन्हैया,

वो क्यू फिर मजबूर रहे,

‘दीपक’ अर्जी तुमसे बाबा,

सुध ले लो तुम अब आकर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


अपने प्रेमी को मेरे बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर,

तेरे होते जगवालो के,

आगे झुक जाए ना सर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥

Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी, तिथि, व्रत, कथा

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और भगवान विष्णु को भोग लगाते हैं।

माधो हम ऐसे, तू ऐसा - शब्द कीर्तन (Madho Hum Aise Tu Aisa)

हम पापी तुम पाप खंडन
नीको ठाकुर देसा

भजन करो मित्र मिला आश्रम नरतन का (Bhajan Karo Mitra Mila Ashram Nartan Ka)

बैठ के तु पिंजरे में,
पंछी काहे को मुसकाय,

देवी सरस्वती स्तोत्रम् (Devi Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।

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