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अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा, बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,


झोलियाँ भर रहै भाग्य वाले,

लाख पतितो ने जीवन सम्भाले,

रंक राजा बने, प्रभु रस में सने, कष्ट भागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


प्रभु कृपा से नर तन यह पाया,

आलसी बनकर यूँ ही गँवाया

उल्टी हो गई मती,

कर ली अपनी छती, चोला त्यागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


स्वास एक एक अनमोल बीता,

अमृत के बदले विष को तू पीता,

सौदा घाटे का कर,

हाथ माथे पे धर, रोने लगा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


मानव कुछ भी न तूने बिचारा,

सिर से ऋषियो का ऋण न उतारा,

गुरु का नाम न लिया,

गंदा पानी पीया, बन के कागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा, बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

नमामी राधे नमामी कृष्णम(Namami Radhe Namami Krishnam)

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,
नमामी राधे नमामी कृष्णम,

रथ सप्तमी व्रत के शुभ मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाने वाला रथ सप्तमी व्रत इस साल 4 फरवरी को है। यह व्रत प्रमुख रूप से सूर्य देव को समर्पित है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे: भजन (Ambe Ambe Bhavani Maa Jagdambe)

अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना (Banke Bihari Hame Bhul Na Jana)

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,
जल्दी जल्दी वृन्दावन,