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अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा, बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,


झोलियाँ भर रहै भाग्य वाले,

लाख पतितो ने जीवन सम्भाले,

रंक राजा बने, प्रभु रस में सने, कष्ट भागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


प्रभु कृपा से नर तन यह पाया,

आलसी बनकर यूँ ही गँवाया

उल्टी हो गई मती,

कर ली अपनी छती, चोला त्यागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


स्वास एक एक अनमोल बीता,

अमृत के बदले विष को तू पीता,

सौदा घाटे का कर,

हाथ माथे पे धर, रोने लगा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


मानव कुछ भी न तूने बिचारा,

सिर से ऋषियो का ऋण न उतारा,

गुरु का नाम न लिया,

गंदा पानी पीया, बन के कागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

॥ बेला अमृत गया...॥


बेला अमृत गया,

आलसी सो रहा, बन आभागा,

साथी सारे जगे, तू न जागा,

मार्गशीर्ष माह के यम-नियम

मार्गशीर्ष माह में यम नियम का अनुसरण करके व्यक्ति अपने वर्तमान जीवन को सुधार सकता है। साथ ही अपने आगामी जन्मों के लिए भी अच्छा भाग्य अर्जित कर सकता है। ये माह कई मायनों में विशेष होता है।

जिसको जीवन में मिला सत्संग है (Jisko jivan Main Mila Satsang Hai)

जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं,
उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।

रामचंद्र कह गये सिया से (Ramchandra Keh Gaye Siya Se)

रामचंद्र कह गये सिया से,
हे रामचंद्र कह गये सिया से,

आया हरियाली तीज का त्यौहार, महीना सावन का (Aaya Hariyali Teej Ka Tyohar, Mahina Sawan Ka)

आया हरियाली तीज का त्यौहार,
महीना सावन का,