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बालाजीं मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं (Balaji Meri Bigdi Bana Do Mere Balaji)

बालाजी बालाजी,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

तेरे चरणों में आया दीवाना जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


माता अंजनी के प्यारे दुलारे हो तुम,

भोले बाबा के रूद्र अवतारी हो तुम,

जग में बाजे तुम्हारा ही डंका जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


राम संकट में तुम सहारा बने,

सीताराम जी का आँखों का तारा बने,

तुमसा कोई नहीं जग में दूजा जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


दास ‘योगेंद्र’ दरबार आया प्रभु,

चरण ‘कमल’ भी अरदास लाया प्रभु,

पाएं जन्म जन्म वर चाहूँ जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥


बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

तेरे चरणों में आया दीवाना जी,

बालाजीं बालाजीं,

मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजी ॥

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति

सनातन हिंदू धर्म में सूर्य देवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहार मनाने की परंपरा है। इन्‍हीं में से एक है मकर संक्रांति। शास्‍त्रों में मकर संक्रांति पर स्‍नान-ध्‍यान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

श्री तुलसी मैया की आरती

जय जय तुलसी माता, सब जग की सुखदाता,
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर,

कोई लाख करे चतुरायी (Koi Lakh Kare Chaturayi)

कोई लाख करे चतुरायी,
करम का लेख मिटे ना रे भाई,

शमसानो के वासी हो, भूतों का है साथ(Shamshano Ke Vasi Ho Bhuto Ka Hai Sath)

शमसानो के वासी हो,
भूतों का है साथ,

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