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अजब है तेरी माया, इसे कोई समझ ना पाया - भजन (Ajab Hai Teri Maya Ise Koi Samajh Na Paya)

ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे,

ऊँचा तेरा धाम,

हे कैलाश के वासी भोले,

हम करते है तुझे प्रणाम ।


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


अद्भुत है संसार यहाँ पर कई भूलेखे है,

तरह तरह के खेल जगत मे हमने देखे है,

तू है भाग्य विधाता तेरे लेख सुलेखे है,

तू लिखने वाला है ये सब तेरे लेखे है

अजबहै तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया ॥


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


पारब्रह्म परमेश्वर तू है हर कोई माने रे,

सब तेरे बालक है क्या अपने बेगान रे,

तू अंतर्यामी सबकी पीडा पहचाने रे,

सबके ही हृदय मे बैठा घट घट की जाने रे,

अजबहै तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया ॥


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


हे योगेश्वर योग से तुने जगत बनाया है,

तन पे तूने भस्म रमा के अलख जगाया है,

कही धुप के रंग सुनहरे कही पे छाया है,

तूने किया है वही जो तेरे मन को भाया है,

अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया ॥


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥

आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी (Ashvin Maas Shukla Paksh Ki Paapaankusha Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने फिर पूछा-जनार्दन ! अब आप कृपा कर आश्विन शुक्ल एकादशी का नाम और माहात्म्य मुझे सुनाइये। भगवान् कृष्ण बोले राजन् !

गणपति आज पधारो, श्री रामजी की धुन में (Ganapati Aaj Padharo Shri Ramaji Ki Dhun Me)

गणपति आज पधारो,
श्री रामजी की धुन में ।

श्रीकृष्ण लीला: जब बाल कान्हा ने फल वाली अम्मा की झोली हीरे-मोती से भर दी

भगवान अपने भक्तों को कब, कहा, क्या और कितना दे दें यह कोई नहीं जानता। लेकिन भगवान को अपने सभी भक्तों का सदैव ध्यान रहता है। वे कभी भी उन्हें नहीं भूलते। भगवान उनके भले के लिए और कल्याण के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

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