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ऐसा है सेवक श्री राम का (Aisa Hai Sewak Shree Ram Ka)

सेवा में गुजरे,

वक्त हनुमान का,

ऐसा है सेवक श्री राम का,

श्री राम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का ॥


राम पे जब विपदा आई,

हर मुश्किल आसान किया,

हर्षित होकर रघुराई,

हनुमत को सम्मान दिया,

हनुमत को सम्मान दिया,

भाई तू तो निकला,

है बड़े काम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का,

श्री राम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का ॥


राम नाम की ओढ़ चुनर,

बनके राम का मतवाला,

पाँव में बांधे ये घुंघरू,

मस्ती में नाचे बाला,

मस्ती में नाचे बाला,

बनके दीवाना,

ये तो राम नाम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का,

श्री राम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का ॥


चरणों में ये रहते सदा,

सिंहासन पे राम सिया,

‘कुंदन’ सब कुछ हनुमत ने,

प्रभु राम पे वार दिया,

प्रभु राम पे वार दिया,

रखता ना ध्यान देखो,

अपने आराम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का,

श्री राम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का ॥


सेवा में गुजरे,

वक्त हनुमान का,

ऐसा है सेवक श्री राम का,

श्री राम का,

ऐसा हैं सेवक श्री राम का ॥

क्या करे इन हाथों का, इतने इतने हाथ (Kya Karein In Hathon Ka Itne Itne Haath)

क्या करे इन हाथों का,
इतने इतने हाथ,

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ: कामना (Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun: Kamana)

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgraha Chalisa)

श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥

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