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ऐ री मैं तो प्रेम दिवानी (Ae Ri Main To Prem Diwani)

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।


ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।


घायल की गति घायल जाणै,

जो कोई घायल होय ।

जौहरि की गति जौहरी जाणै,

की जिन जौहर होय ॥


सूली ऊपर सेज हमारी,

सोवण किस बिध होय ।

गगन मंडल पर सेज पिया की,

किस बिध मिलणा होय ॥


दर्द की मारी बन-बन डोलूं,

वैद्य मिल्या नहिं कोय ।

मीरा की प्रभु पीर मिटेगी,

जद वैद्य सांवरिया होय ॥


ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,

मेरो दर्द न जाणै कोय ।


वैशाख अमावस्या पूजा की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। यह तिथि पितरों की शांति के लिए विशेष मानी जाती है और इस दिन स्नान, दान, जप, और तर्पण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा मां एकादशी के जन्म से संबंधित है। इसमें ये बताया गया है कि उन्होंने भगवान विष्णु को एक राक्षस से कैसे बचाया। दरअसल सतयुग में एक मुरा नाम का एक राक्षस था।

हो दीनानाथ(Ho Deenanath)

सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार

कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है (Kardo Dur Prabhu Mere Mann Me Andhera Hai)

कर दो दूर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है,

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