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ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया, बिना तुम्हारे (Ae Murliwale Mere Kanhaiya, Bina Tumhare )

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

तुम्हारी यादों में प्राण प्यारे,

आंखों से आंसू छलक रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


मुझे है कितनी तुमसे मोहब्बत,

कभी जरा आजमा के देखो,

तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे,

तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे,

दिल में ये अरमां मचल रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


मुझे है चाहत बस एक तेरी,

ना छोड़ना तुम मुझे अकेला,

तुम मुझसे बस इतना सा कहदो,

तुम मुझसे बस इतना सा कहदो,

मिलने को तुमसे हम चल रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


हम तुमसे दामन फैलाके मांगे,

रहमत की अपनी तुम भीख दे दो,

‘चित्र विचित्र’ भी ऐ कमली वाले,

‘चित्र विचित्र’ भी ऐ कमली वाले,

तेरे कर्म पे ही पल रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥


ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

तुम्हारी यादों में प्राण प्यारे,

आंखों से आंसू छलक रहे हैं,

ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,

बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं ॥

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वैशाख संकष्ठी चतुर्थी व्रत कथा

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