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अब दया करो हे भोलेनाथ (Ab Daya Karo He Bholenath)

अब दया करो हे भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

मेरे सर पर रख दो अपना हाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


तेरे चरणों में हो मेरा माथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


तेरे द्वार खड़े है रख ले लाज,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


मैं तो झूम झूम के नाचूं आज,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


जपू हर हर भोले दिन और रात,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


मेरे मन में बसे हो भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥


अब दया करो हे भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

मेरे सर पर रख दो अपना हाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

अब दया करो हें भोलेनाथ,

मस्त रहूं तेरी मस्ती में ॥

सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे (Bhor Bhee Din Chadh Gaya Meri Ambe)

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा(Radhe Jhulan Padharo Jhuk Aaye Badra)

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,
झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

हाय नजर ना लग जाये(Najar Naa Lag Jaye)

ओ मोटे मोटे नैनन के तू ,
ओ मीठे मीठे बैनन के तू

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