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आयी बरसाने वाली है आयी (Aayi Barsane Wali Hai Aayi)

आयी बरसाने वाली है आयी,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


देखो टोली है सखियों के संग में,

छाई मस्ती है हर अंग अंग में,

राधा कान्हा को देख मुस्काई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


कैसा प्यारा लगे ये नज़ारा,

श्याम राधे को करते इशारा,

देखो राधे रानी शरमाई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


राधे नाच नाच श्याम को रिझाए,

कान्हा मुरली जो होंठो से लगाए,

राधा रानी की सुध बिसराई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


श्याम अलबेला रास रचाए,

सारे गोकुल को संग में नचाए,

कहे ‘पवन’ क्या माया रचाई,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥


आयी बरसाने वाली है आयी,

रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥

गोविंद चले चरावन धेनु(Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु
गृह गृह तें लरिका सब टेरे

हम सब मिलके आये, दाता तेरे दरबार (Hum Sab Milke Aaye Data Tere Darbar)

हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार

गुड़ी पड़वा 2025 कब है

सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा त्योहार का विशेष महत्व है। इस त्योहार को चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, और इस तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू होता है। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है।

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