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आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी (Aao Angana Padharo Shri Ganesh Ji)

आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी ॥


श्लोक – गजाननं भूतगणादि सेवितं,

कपित्थजम्बूफलसार भक्षितम्,

उमासुतं शोकविनाशकारणं,

नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥


तेरी पूजा करूँ तेरा अर्चन करूँ,

तेरा वंदन करूँ आव्हान करूँ,

गणपति मेरे काटो कलेश जी,

आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी ॥


गौरी सूत गणराज गजानन,

कष्ट हरो मेरे आनन फानन,

रिद्धि सिद्धि संग दर्शन दो प्रभु,

रिद्धि सिद्धि संग दर्शन दो प्रभु,

करो मम ह्रदय प्रवेश जी,

आओं अंगना पधारो श्री गणेश जी ॥


लम्बोदर श्री सिद्ध विनायक,

मंगल करण सदा सुख दायक,

सेवा करो स्वीकार भक्त की,

सेवा करो स्वीकार भक्त की,

प्रथम पूज्य प्रथमेश जी,

आओं अंगना पधारो श्री गणेश जी ॥


तुम्हरे चरण शरण हो स्वामी,

मो पर रिझो अंतर्यामी,

कृपा करो नित सेवक जन पर,

कृपा करो नित सेवक जन पर,

करुणा कर करुणेश जी,

आओं अंगना पधारो श्री गणेश जी ॥


दिन दयाल दया के सागर,

करहु दया हे नाथ दया कर,

दो अनुपम अक्षय वर भगवन,

दो अनुपम अक्षय वर भगवन,

विनय करे अखिलेश जी,

आओं अंगना पधारो श्री गणेश जी ॥


तेरी पूजा करूँ तेरा अर्चन करूँ,

तेरा वंदन करूँ आव्हान करूँ,

गणपति मेरे काटो कलेश जी,

आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी,

आओ अंगना पधारो श्री गणेश जी ॥

आरती श्री वृषभानुलली जी की (Aarti Shri Vrishabhanulli Ji Ki)

आरति श्रीवृषभानुलली की, सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥
भयभन्जिनि भवसागर-तारिणी, पाप-ताप-कलि-कलुष-निवारिणी,

Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye (शेर पे सवार होके आजा शेरावालिए)

शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये। (शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।)

श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgraha Chalisa)

श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥

हम को मन की शक्ति देना (Hum Ko Mann Ki Shakti Dena)

हम को मन की शक्ति देना,
मन विजय करें ।

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