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आओ आ जाओ भोलेनाथ (Aao Aa Jao Bholenath)

आओ आ जाओ भोलेनाथ,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

जागु दिन और रात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


हे शिव शंकर हे प्रलयंकर,

हे जग के रखवाले,

तेरे बिना मेरी कौन सुनेगा,

तेरे बिना मेरी कौन सुनेगा,

दर्दे दिल की बात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


मन पंछी बैचेन दरश बिन,

अब तो दरश दिखाओ,

अखियाँ ऐसे बरस रही है,

अखियाँ ऐसे बरस रही है,

सावन की बरसात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


विष पिए खुद अमृत बांटे,

तुम सम कोई ना दानी,

‘रामा’ दया की भिक्षा मांगे,

‘रामा’ दया की भिक्षा मांगे,

रख दो सिर पर हाथ,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥


आओ आ जाओ भोलेनाथ,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

जागु दिन और रात,

आओ आ जाओं भोलेनाथ,

आओ आ जाओ भोलेनाथ ॥

शंकर चौड़ा रे (Shankar Chaura Re)

शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।
सिंगार माई कर रही, सोलह रे

तेरा बालाजी सरकार, बाजे डंका मेहंदीपुर में(Tera Balaji Sarkar Baje Danka Mehndipur Mein)

तेरा बालाजी सरकार,
बाजे डंका मेहंदीपुर में,

विजया एकादशी व्रत कथा 2025

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

श्री गिरिराज जी की आरती (Shri Giriraj Ji Ki Aarti)

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥

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