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आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको ( (Aali Ri Mohe Lage Vrindavan Neeko)

लागे वृन्दावन नीको,

सखी मोहे लागे वृन्दावन नीको।

लागे वृन्दावन नीको,

आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


घर घर तुलसी ठाकुर सेवा,

दर्शन गोविन्द जी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


निर्मल नीर बहे जमुना को,

भोजन दूध दही को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


रतन सिंघासन आप विराजे,

मुकुट धरो तुलसी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


कुंजन कुंजन फिरत राधिका,

शबद सुनत मुरली को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

भजन बिना नरभी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् (Sri Devi Atharvashirsha)

देव्यथर्वशीर्षम् जिसे देवी अथर्वशीर्ष के नाम से भी जाना जाता है, चण्डी पाठ से पहले पाठ किए जाने वाले छह महत्वपूर्ण स्तोत्र का हिस्सा है।

आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर (Aayo Gandgaon Se Holi Khelan Natwar Nand Kishor)

आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर ।
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विजया एकादशी व्रत कथा 2025

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार

देवों के देव महादेव यानी भगवान शिव के कई रूप और अवतार हैं। उनके संहारक स्वरूप को रुद्र कहा जाता है जिसका अर्थ है दुखों को हरने वाला। महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के 11 रुद्र अवतारों की पूजा का विशेष महत्व है।

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