नवीनतम लेख

आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ (Aaja Maa Aaja Maa Ek Baar Mere Ghar Aaja Maa )

आजा माँ आजा माँ एक बार,

मेरे घर आजा माँ,

मैंने मन मंदिर में मैया,

तेरी ज्योत जगाई,

करके शेर सवारी,

आजा इक बारी महामाई,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


मेरे सुने आँगन में माँ,

खुशियाँ तू बरसा दे,

करुणामई ऐ जगदम्बे माँ,

सोया भाग जगा दे,

मैंने सारी दुनिया देखि,

मुझे ना कोई भाया,

शाम सवेरे मैंने मैया,

तेरा ही गुण गाया,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


दर्शन को ये नैना तरसे,

आके दर्श दिखाओ,

कब से देखे राह तुम्हारी,

इनकी प्यास बुझाओ,

थोड़ी सी किरपा कर दे,

बेटी तुझे पुकारे,

हाथ दया का सिर पे रख दे,

कर दे वारे न्यारे,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


ताने मारेगी ये दुनिया,

जो माँ तू ना आई,

मेरा कुछ ना जाएगा,

तेरी होगी माँ रुसवाई,

सदा रहेंगे अम्बे मैया,

बन के तेरे पुजारी,

‘धामा और शर्मा’ ने माँ,

चरणों में अर्ज गुजारी,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


आजा माँ आजा माँ एक बार,

मेरे घर आ जा माँ,

मैंने मन मंदिर में मैया,

तेरी ज्योत जगाई,

करके शेर सवारी,

आजा इक बारी महामाई,

आजा मां आजा मां एक बार,

मेरे घर आजा माँ ॥


उत्तपन्ना एकादशी 2024, पूजा विधि

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला उत्पन्ना एकादशी का पर्व भगवान विष्णु और देवी एकादशी की आराधना का विशेष दिन है।

मनमोहन तुझे रिझाऊं तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं(Manmohan Tujhe Rijhaun Tujhe Neet Naye Laad Ladau)

मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,

हम सब मिलके आये, दाता तेरे दरबार (Hum Sab Milke Aaye Data Tere Darbar)

हम सब मिलके आये,
दाता तेरे दरबार

चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट (Chitrakoot Ke Ghat Ghat Par Shabri Dekhe Baat)

चित्रकूट के घाट घाट पर,
शबरी देखे बाट,

यह भी जाने