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आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है (Aaj To Guruwar hai, Sadguru Ka War Hai)

आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है।

गुरुभक्ति का पी लो प्याला, पल में बेड़ा पार है ॥ 1 ॥


गुरुचरणों का ध्यान लगाओ, निर्मल मन हो जायेगा।

तन मन धन गुरु चरण चढ़ाकर, विनती बारंबार है ॥ 2 ॥


प्रभु को भूल गये औ प्यारे ! माया में लिपटाए हो।

पूर्व पुण्य से नर तन पाया, मिले न बारंबार है ॥ 3 ॥


गुरुभक्ति से प्रभु मिलेंगे, बिन गुरु गोता खायेगा।

भवसागर में डूबी नैया, सदगुरु तारणहार हैं ॥ 4 ॥


गुरु हमारे ज्ञान के दाता, भक्तों का कल्याण करो।

निर्मोही बलिहार है, अर्जी बारंबार है ॥ 5 ॥


भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे - भजन (Bhole Bhandari Sabke Hi Bhandar Bhare)

शिव है दयालु, शिव है दाता
शिव पालक है इस श्रिष्टि के

Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी व्रत, कथा और इसका पौराणिक महत्व

Skanda Sashti 2024: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी का पर्व 09 सितंबर को मनाया जाएगा।

प्रदोष व्रत पर बन रहा अद्भुत योग

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। 13 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष मास का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है (Aaj To Guruwar hai, Sadguru Ka War Hai)

आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है।
गुरुभक्ति का पी लो प्याला, पल में बेड़ा पार है ॥