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आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में - भजन (Aaj Hai Anand Baba Nand Ke Bhawan Mein)

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,

ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,

ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ॥


जान गए सब हुआ यशोदा के ललना,

झूल रहा नन्द जी के अंगना में पलना,

ढम ढम ढोल बाजे गूंजे है गगन में,

ढम ढम ढोल बाजे गूंजे है गगन में,

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ॥


भोला भाला मुखड़ा है तीखी तीखी आँखे,

घुंगराले बाल काले मनमोहन आँखे,

जादू सा समाया कोई बांकी चितवन में,

जादू सा समाया कोई बांकी चितवन में,

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ॥


देवता भी आए सारी देवियां भी आई है,

नन्द और यशोदा को दे रही बधाई है,

बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,

बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ॥


सारे ब्रजवासी दौड़े दौड़े चले आ रहे,

झूमे नाचे गाये सारे खुशियां मना रहे,

‘बिन्नू’ खुशियों के फूल खिले कण कण में,

‘बिन्नू’ खुशियों के फूल खिले कण कण में,

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ॥


आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,

ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,

ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,

आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में ॥

गणपति करते चरणों में हम है नमन (Ganpati Karte Charno Mein Hum Hai Naman)

गणपति करते चरणों में हम है नमन,
करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,

कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)

कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।

श्री खाटु श्याम चालीसा (Shri Khatu Shyam Chalisa)

श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चौपाई छंद ।

काली काली अमावस की रात में, काली निकली काल भैरो के साथ में

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः।

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