नवीनतम लेख

आज अयोध्या की गलियों में, घुमे जोगी मतवाला: भजन (Aaj Ayodhya Ki Galiyon Mein Ghume Jogi Matwala)

आज अयोध्या की गलियों में,

घुमे जोगी मतवाला,

अलख निरंजन खड़ा पुकारे,

देखूंगा तेरा लाला ॥


शैली श्रंगी लिए हाथ में,

और डमरू त्रिशूल लिए,

छमक छमक छम नाचे जोगी,

दरस की मन में आस लिए,

पग में घुंघरू छम छम बाजे,

कर में जपते हैं माला।

आज अयोध्या की गलियो में,

घुमे जोगी मतवाला,

अलख निरंजन खड़ा पुकारे,

देखूंगा तेरा लाला ॥


अंग विभूति रमाये जोगी,

बाघम्बर तन पे सोहे,

जटा जूट में गंग विराजे,

भक्त जनों के मन मोहे,

मस्तक ऊपर चंद्र बिराजे,

गले में सर्पों की माला।

आज अयोध्या की गलियो में,

घुमे जोगी मतवाला,

अलख निरंजन खड़ा पुकारे,

देखूंगा तेरा लाला ॥


राज द्वार पर खड़ा पुकारे,

बोल रहा मधुरी वाणी,

अपने लाल को दिखा दे मैय्या,

ये जोगी मन में ठानी,

लाख हटाए पर ना माने,

देखूंगा दशरथ लाला।

आज अयोध्या की गलियो में,

घुमे जोगी मतवाला,

अलख निरंजन खड़ा पुकारे,

देखूंगा तेरा लाला ॥


माता कौशल्या द्वार पे आई,

अपने लाल को गोद लिये,

अति विभोर हो शिव जोगी ने,

बाल रूप के दर्शन किये,

चला सुमिरने राम नाम को,

वो कैलाशी काशी वाला।

आज अयोध्या की गलियो में,

घुमे जोगी मतवाला,

अलख निरंजन खड़ा पुकारे,

देखूंगा तेरा लाला ॥


आज अयोध्या की गलियों में,

घुमे जोगी मतवाला,

अलख निरंजन खड़ा पुकारे,

देखूंगा तेरा लाला ॥

ओढ़ के चुनरिया लाल, मैया जी मेरे घर आना (Odh Ke Chunariya Lal Maiya Ji Mere Ghar Aana)

ओढ़ के चुनरिया लाल,
मैया जी मेरे घर आना,

मैं ढूँढता तुझे था - प्रार्थना (Mai Dhundta Tujhe Tha: Prarthana)

मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में ।
तू खोजता मुझे था, तब दीन के सदन में ॥

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

सुनो सुनो, सुनो सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो

फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर (Faag Khelan Barasane Aaye Hain Natwar Nand Kishore)

फाग खेलन बरसाने आये हैं,
नटवर नंद किशोर ।