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आ जाओ सरकार,

दिल ने पुकारा है,

हारे ये नैनो के तार,

ओझल नजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥




फितरत ज़माने की,

बड़ी ही बेगैरत है,

कोई नही यार,

तू ही हमारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


जाऊं किस डगर पे मुझको,

नसीहत तो दीजिए,

छाया है अंधकार,

करना उजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


रहमत की अपनी थोड़ी,

वसीयत तो कीजिये,

कहलाते दातार,

भरा भंडारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


‘निर्मल’ की रूह से तो,

पूछ करके देखिए,

दूजा मिले ना सार,

श्याम ही गवारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


आ जाओ सरकार,

दिल ने पुकारा है,

हारे ये नैनो के तार,

ओझल नजारा है,

आ जाओं सरकार,

दिल ने पुकारा है ॥


राम आरती होन लगी है (Ram Aarti Hone Lagi Hai)

जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है..

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा (Jo Tu Mitana Chahe Jivan Ki Trishna)

जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,

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