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आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


सब देवन में देव कहाओ,

माँ गौरा के लाल कहाओ,

शिव शंकर संग रिद्धि सिद्धि,

ले आओ द्वार हमारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


भांति भांति के फूल मंगाए,

घर आंगन और द्वार सजाये,

धूप दीप से महके मंडप,

मोदक भोग सजा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


घर आकर के फिर नही जाना,

हम सबके मन मे बस जाना,

चाह ‘मुकेश’ की एक ही बाबा,

सभा में रंग बरसा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


वैकुंठ चतुर्दशी का महत्व

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इसे कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले आता है और देव दिवाली से भी संबंधित है।

राम जी से पूछे जनकपुर की नारी (Ram Ji Se Puche Janakpur Ki Nari)

राम जी से पूछे जनकपुर की नारी,
बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी,

बालाजी तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ (Balaji Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rjhane Aaya Hun)

बालाजी तुम्हारे चरणों में,
मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥

हे जग त्राता विश्व विधाता(He Jag Trata Vishwa Vidhata)

हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे।

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