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आ दरश दिखा दे मेरी माँ (Aa Darsh Dikha De Meri Maa)

आ दरश दिखा दे मेरी माँ,

तुझे तेरे लाल बुलाते है,

तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,

तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,

तुझे तेरे लाल बुलाते है,

आ दरश दिखा दे मेरी मां,

तुझे तेरे लाल बुलाते है ॥


आँखों के आंसू सूख चुके माँ,

अब तू दरश दिखा दे,

कब से खड़ा माँ दर पे तेरे,

मन की तू प्यास बुझा दे,

तेरी लीला निराली मेरी माँ,

तुझे तेरे लाल बुलाते है,

आ दरश दिखा दे मेरी मां,

तुझे तेरे लाल बुलाते है ॥


बीच भंवर में नैया पड़ी माँ,

आकर तू पार लगादे,

तेरे सिवा माँ कोई नहीं है,

आकर तू गले से लगा ले,

क्यूँ देर लगावे मेरी माँ,

तुझे तेरे लाल बुलाते है,

आ दरश दिखा दे मेरी मां,

तुझे तेरे लाल बुलाते है ॥


डूब रहा है सुख का सूरज,

गम की बदरिया है छाई,

उजड़ गयी बगिया जीवन की,

मन की कलि मुरझाई,

करे विनती ये सेवक माँ,

तुझे तेरे लाल बुलाते है,

आ दरश दिखा दे मेरी मां,

तुझे तेरे लाल बुलाते है ॥


आ दरश दिखा दे मेरी माँ,

तुझे तेरे लाल बुलाते है,

तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,

तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,

तुझे तेरे लाल बुलाते है,

आ दरश दिखा दे मेरी मां,

तुझे तेरे लाल बुलाते है ॥


माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

क्यों घबराता है पल पल मनवा बावरे (Kyun Ghabrata Hai Pal Pal Manva Baware)

क्यों घबराता है,
पल पल मनवा बावरे,

करदो करदो बेडा पार राधे अलबेली सरकार - भजन (Kardo Kardo Beda Paar Radhe Albeli Sarkar)

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चंद्र दर्शन शुभ मुहूर्त 2025

चंद्र दर्शन हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा के दर्शन से जुड़ा हुआ है। इस दिन चंद्रदेव की पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे मन की शांति, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

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