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तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,
तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे, आ जाओ मैया घर में हमारे ॥
तुम्ही मेरी नइया, किनारा तुम्ही हो,
तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो । तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥
तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी, जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,
तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना, हे बुद्धि के दाता,
वर दे, वीणावादिनि वर दे । प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव
वनवास जा रहे है, रघुवंश के दुलारे,
वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्