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सज धज बैठ्या दादीजी, लुन राई वारा,
सदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।
सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ,
दरबार हजारो देखे है, पर माँ के दर सा कोई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई, सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
सबसे पहले मनाऊँ गणराज, गजानंद आ जइयो,
सबसे पहला मनावा, थाने देवा रा सरदार,
सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे, तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,
शबरी तुम्हरी बाट निहारे, वो तो रामा रामा पुकारे,
सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे हमरा किए बिसरै छी हे