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सालासर वाले तुम्हें, आज हम मनाएंगे,
सालासर धाम निराला, की बोलो जय बालाजी,
सखी री दो कुंवर सुंदर, मनोहर आज आये है,
सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध में राम आए हैं,
सजा है प्यारा दरबार बाबा का, भक्तों ने मिलकर के किया है,
सजा दो उज्जैनी दरबार, मेरे महाकाल आये है ॥
सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में । सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,
सज धज के बैठी है माँ, लागे सेठानी,
सजधज कर जिस दिन, मौत की शहजादी आएगी,