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रोम रोम में बसा हुआ है, एक उसी का नाम,
रिद्धि सिद्धि के संग में, हे गौरी लाल पधारो,
रिद्धि सिद्धि वाले गणपति बाबा, तेरी महिमा भारी है,
सारी चिंता छोड़ दो, चिंतामण के द्वार,
रिद्धि सिद्धि का देव निराला, शिव पार्वती का लाला,
रिद्धी सिद्धी दातार, तुमसे गये देवता हार,
बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता, पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग,
रानी सती आज मेरे घर आई, घर आई माँ घर आई,
मोहिनी मूरत प्यारी, रंगीलो मेरो बनवारी,