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राम रस बरस्यो री, आज म्हारे आंगन में ।
दो अक्षर वाला नाम, आये बड़ा काम जी,
कब से लागल आस पुराइल, सब जन के मनवा हरसाइल
शिव अद्भुत रूप बनाए, जब ब्याह रचाने आए ॥
क्षिप्रा के तट बैठे है, मेरे भोले भंडारी,
मेरी मैया शेरोवाली है, करे भक्तो की रखवाली है,
शेरावाली माँ, आए तेरे नवराते,
शेरावाली की नज़र जिसपे पड़ने लगी, जिसपे पड़ने लगी,
पार्वती तेरा भोला, जगत में सबसे निराला है ।
पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना,