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सोचा नहीं जो ख्वाब में, उतना हमें मिला,
सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है, जिथे किथे मैनु लै छडाई
मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष । ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु, करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ।टेक। लक्ष्मीनारायण नारायण नारायण नारायण
शिव मात पिता, शिव बंधू सखा,
शिव की जटा से बरसे, गंगा की धार है,
शिव के रूप में आप विराजे, भोला शंकर नाथ जी ॥
शिव कैलाशो के वासी, धौली धारों के राजा,
श्री राम धुन में मन तू, जब तक मगन ना होगा,