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कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकति जाए।
आना हो श्री गणेशा, मेरे भी घर में आना,
आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में,
लागे वृन्दावन नीको, सखी मोहे लागे वृन्दावन नीको।
आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ,
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द
अवतार ओ भोले, अपने भक्तो की सुनले,
आजा भक्तो की सुनके पुकार, ओ मरघट वाले बाबा जी,
आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है। गुरुभक्ति का पी लो प्याला, पल में बेड़ा पार है ॥
आज सोमवार है ये शिव का दरबार है, भरा हुआ भंडार है,