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स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा, स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया, ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥
सूरज चंदा तारे उसके, धरती आसमान,
सुनते सबकी पुकार, जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,
सुनो सुनो हनुमान जी, एक जरुरी काम जी,
सुनो भवानी अरज हमारी, दया करो माँ कृपा करो माँ,
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
शिव पूजा में मन लीन रहे, मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा ।
शिव पार्वती ने तुम्हे, वरदान दे दिया,
शिव में मिलना है ॥