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तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तु ही जाने,
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे, बलिहार संवारे जू ।
तेरी महिमा सभी ने बखानी, दया हमपे करो अम्बे रानी ॥
तेरी करती रहूं मैं चाकरी, वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी जय हो जय हो, जय गोरी लाल ॥
आन पधारो गणपत जी पूरण करदो सब काज, विच सभा के बैठया मोरी पत रखदो महाराज,
प्रथमे गौरा जी को वंदना, द्वितीये आदि गणेश,
तेरी चौखट पे ओ बाबा, जिंदगी सजने लगी,
तेरी बिगड़ी बना देगी, चरण रज राधा प्यारी की ॥