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था बिन दीनानाथ, आंगली कुण पकड़सी जी,
तेरो लाल यशोदा छल गयो री, मेरो माखन चुराकर बदल गयो री ॥
तेरी तुलना किससे करूँ माँ, तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥
तेरी प्रीत में मोहन, मन बावरा है,
तीनो लोको में भोले के जैसा ॥
सिंह चढी देवी मिले, गरूड़ चढे भगवान ।
ठुमक चलत रामचंद्र, ठुमक चलत रामचंद्र,
थोड़ा देता है या ज्यादा देता है, हमको तो जो कुछ भी देता,
थारो खूब सज्यो दरबार, म्हारा बालाजी सरकार,