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तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया, मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,
तू साँची है भवानी माँ, तेरा दरबार साँचा है,
सबदा मारा मर गया, सबदा छोडियो राज ।
तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूँद के प्यासे हम ।
तू मेरा राखा, सबनी थाई तां भौ के हा काढा जी,
जब संकट कोई आए, तू ले मैया का नाम,
तेरे भवन के अजब नज़ारे, तेरे गूँज रहे जयकारे,
तृष्णा ना जाये मन से ॥
तोरी बगिया में आम की डाल, कोयल बोले कुहू कुहू ॥
तोरा मन दर्पण कहलाए, भले, बुरे, सारे कर्मों को,