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गुण गावा दिन रात गुण गवा, विसर नाही दातार अपना नाम देहो,
ये उत्सव बजरंग बाले का, ये लाल लंगोटे वाले का,
जिंदगी एक किराये का घर है, एक न एक दिन बदलना पड़ेगा
यही रात अंतिम यही रात भारी, बस एक रात की अब कहानी है सारी,
ये तुम्हारी है कृपा माँ, तेरा दर्शन हो रहा,
यह तो प्रेम की बात है उधो, बंदगी तेरे बस की नहीं है।
ये श्री बालाजी महाराज है, रखते भक्तो की ये लाज है,
ये सारे खेल तुम्हारे है, जग कहता खेल नसीबों का,
ये मेरी अर्जी है, मै वैसी बन जाऊँ,
ये मैया मेरी है, सबसे बोल देंगे हम,