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ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥
ॐ जय यमुना माता...
पावन श्रीयमुना जल, शीतल अगम बहै धारा।
जो जन शरण में आया, कर दिया निस्तारा॥
ॐ जय यमुना माता...
जो जन प्रातः ही उठकर, नित्य स्नान करे।
यम के त्रास न पावे, जो नित्य ध्यान करे॥
ॐ जय यमुना माता...
कलिकाल में महिमा, तुम्हारी अटल रही।
तुम्हारा बड़ा माहात्म्य, चारों वेद कही॥
ॐ जय यमुना माता...
आन तुम्हारे माता, प्रभु अवतार लियो।
नित्य निर्मल जल पीकर, कंस को मार दियो॥
ॐ जय यमुना माता...
नमो मात भय हरणी, शुभ मंगल करणी।
मन बेचैन भया है, तुम बिन वैतरणी॥
ॐ जय यमुना माता...
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥
ॐ जय यमुना माता...
बोलिये यमुना माता की जय
वैसे तो यमुना जी की आरती करने के लिए सभी दिन शुभ माने जाते हैं, लेकिन यमुना आरती विशेष रुप से इन दिनों में की जाती है:
इसके अलावा आप यमुना जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे:
आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान यमुना जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।