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आरती ललिता माता की (Aarti Lalita Mata Ki)

जय शरणं वरणं नमो नमः

जय शरणं वरणं नमो नमः

श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी।

राजेश्वरी जय नमो नमः॥

जय शरणं वरणं नमो नमः.....


करुणामयी सकल अघ हारिणी।

अमृत वर्षिणी नमो नमः॥

श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी॥

राजेश्वरी जय नमो नमः॥

जय शरणं वरणं नमो नमः.....


अशुभ विनाशिनी, सब सुख दायिनी।

खल-दल नाशिनी नमो नमः॥

भण्डासुर वधकारिणी जय माँ।

करुणा कलिते नमो नम:॥

जय शरणं वरणं नमो नमः.....


भव भय हारिणी, कष्ट निवारिणी।

शरणागति दो नमो नमः॥

शिव भामिनी साधक मन हारिणी।

आदि शक्ति जय नमो नमः॥

जय शरणं वरणं नमो नमः।


जय त्रिपुर सुन्दरी नमो नमः।

जय राजेश्वरी जय नमो नमः॥

जय ललितेश्वरी जय नमो नमः।

जय अमृतवर्षिणी नमो नमः॥

जय शरणं वरणं नमो नमः।


श्री ललिता माता की जय


वैसे तो ललिता माता की आरती करने के लिए सभी दिन शुभ माने जाते हैं, लेकिन इन दिनों को विशेष माना जाता है-


- ललिता जंयती (माघ मास की पूर्णिमा )

- ललिता सप्तमी (भाद्रपद शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि)

- शुक्रवार (सप्ताह का दिन)

- पूर्णिमा (प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि)

- नवरात्रि के दौरान (चैत्र और आश्विन मास में)

- श्रावण मास (हिंदू कैलेंडर का पांचवां माह)


इसके अलावा, आप ललिता माता की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:


- सुबह के समय (5 से 7 बजे तक 

- दोपहर के समय (12 बजे से 1 बजे के बीच)

- शाम के समय (सूर्यास्त के बाद)

- रात्रि के समय (10 बजे से 12 बजे के बीच)

- दोपहर के समय (12 बजे से 1 बजे के बीच)

- शाम के समय (सूर्यास्त के बाद)


आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान ललिता माता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।


ललिता माता की आरती करने से कई लाभ होते हैं, जैसे-


आध्यात्मिक विकास: ललिता माता की आरती करने से आध्यात्मिक विकास होता है और व्यक्ति को आत्मिक ज्ञान और शांति मिलती है।

सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति: ललिता माता की आरती करने से सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को आत्मिक ज्ञान और शांति मिलती है।

रोग और शोक का नाश: ललिता माता की आरती करने से रोग और शोक का नाश होता है और व्यक्ति को स्वास्थ्य और सुख मिलता है।

मानसिक शक्ति की वृद्धि: ललिता माता की आरती करने से मानसिक शक्ति की वृद्धि होती है और व्यक्ति को निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।

अकाल मृत्यु का नाश: ललिता माता की आरती करने से अकाल मृत्यु का नाश होता है और व्यक्ति को दीर्घ आयु और स्वास्थ्य मिलता है।

वास्तु दोष का नाश: ललिता माता की आरती करने से वास्तु दोष का नाश होता है और व्यक्ति को सुख और समृद्धि मिलती है।

पापों का नाश: ललिता माता की आरती करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को पवित्रता और शुद्धता मिलती है।

सुख और समृद्धि की प्राप्ति: ललिता माता की आरती करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है।


राधिके ले चल परली पार(Radhike Le Chal Parli Paar)

गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।

लेके पूजा की थाली

लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ
तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा
तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम (Om Sundaram Omkar Sundaram)

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम,
शिव सुंदरम शिव नाम सुंदरम,

मईया ये जीवन हमारा, आपके चरणों में है(Maiya Ye Jeevan Hamara Aapke charno Me Hai)

मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,