आरती श्री जानकीनाथ जी की (Aarti Shri Jankinath Ji Ki)

ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।

दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

ॐ जय जानकीनाथा..


तुम रघुनाथ हमारे, प्राण, पिता माता।

तुम ही सज्जन-संगी, भक्ति मुक्ति दाता॥

ॐ जय जानकीनाथा...


लख चौरासी काटो, मेटो यम त्रासा।

निसिदिन प्रभु मोहि रखियेअपने ही पासा॥

ॐ जय जानकीनाथा...


राम भरत लछिमन, सँग शत्रुहन भैया।

जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया॥

ॐ जय जानकीनाथा...


हनुमत नाद बजावत,नेवर झमकाता।

स्वर्णथाल कर आरती, कौशल्या माता॥

ॐ जय जानकीनाथा...


सुभग मुकुट सिर, धनु सर, कर सोभा भारी।

तुलसीदास दर्शन करि, पल-पल बलिहारी॥

ॐ जय जानकीनाथा...


ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।

दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

ॐ जय जानकीनाथा..


बोलिये श्रीरामचन्द्रजी की जय

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कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

शंकर जी की आरती (Shri Shankar Ji Ki Aarti)

जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥
जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥

बालाजी मने राम मिलन की आस (Balaji Mane Ram Milan Ki Aas)

बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कब मिलवाओगे ।

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan)

सतयुग से हुई रक्षाबंधन की शुरुआत, जानिए क्या है भाई को राखी बांधने की सही विधि