सत्य, सनातन, सुंदर, शिव! सबके स्वामी ।
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
आदि अनंत, अनामय, अकल, कलाधारी ।
अमल, अरूप, अगोचर,अविचल अघहारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी ।
कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, तुम औघड़दानी ।
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
मणिमय भवन निवासी, अति भोगी, रागी ।
सदा मसान बिहारी, योगी वैरागी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
छाल, कपाल, गरल, गल, मुंडमाल व्याली ।
चिताभस्म तन, त्रिनयन, अयन महाकाली ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
प्रेत-पिशाच, सुसेवित, पीत जटाधारी ।
विवसन, विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
शुभ्र, सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी ।
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिव मुनि मन हारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
निर्गुण, सगुण, निरंजन, जगमय नित्य प्रभो ।
कालरूप केवल, हर! कालातीत विभो ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
सत-चित-आनँद, रसमय, करुणामय, धाता ।
प्रेम-सुधा-निधि, प्रियतम, अखिल विश्व-त्राता ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
हम अति दीन, दयामय! चरण-शरण दीजै ।
सब विधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
कैलाशवासी, गंगाधर, पार्वतीपति, भक्तवत्सल भगवान श्रीशिवशम्भू की जय
प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।
महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्र होने के लिए तैयार हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक महासमागम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है। प्रयाग को हिंदू धर्म में तीर्थों का राजा कहा जाता है। यह शहर हजारों मंदिरों के साथ ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं का केंद्र भी रहा है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु मोक्ष प्राप्ती के लिए आते हैं।
हर 12 साल में कुंभ का आयोजन होता है। यह हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा समागम है। इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था का पर्व कहा जाता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु विभिन्न तीर्थों में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं ।