भक्ति का दीपक प्रेम की बाती, आरति संत करें दिन राती,
आनन्द की सरिता उभरी है, जगमग जगमग.......
कनक सिंघासन सिया समेता, बैठहिं राम होइ चित चेता,
वाम भाग में जनक लली है, जगमग जगमग.......
आरति हनुमत के मन भावै, राम कथा नित शंकर गावै,
सन्तों की ये भीड़ लगी है, जगमग जगमग.......
गावत यश ब्रम्हा मुनि नारद, अन्य मुनि जे पथ परमारथ,
हनुमान पद प्रीत जगी है, जगमग जगमग.......
बाम भाग सिय सोहत कैसी, ब्रम्ह जिव विच माया जैसी,
भरत शत्रुघ्न चवर फबी है, जगमग जगमग.......
करत अपावन पावन जग में, नाम राम को आवत हिय में,
मन मंदिर में आस लगी है, जगमग जगमग.......
जगमग जगमग जोत जली है, राम आरती होन लगी है
बोलिये श्रीरामचन्द्र भगवान की जय
हिंदू वैदिक पंचाग के अनुसार, 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। हिंदू धर्म में हर साल 4 नवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह की गुप्त नवरात्रि अंतिम नवरात्रि होती है।
हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी से जुड़ा हुआ है। यह दिन उनके भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना करने के लिए निर्धारित किया गया है।
साल 2025 की पहली गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से प्रारंभ हो रही है। माघ मास में पड़ने के कारण यह गुप्त नवरात्रि बेहद खास होती है। इस बार माघ मास में महाकुंभ भी है। ऐसे में इस गुप्त नवरात्रि का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और बुधवार को उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।