राम आरती होन लगी है (Ram Aarti Hone Lagi Hai)

राम आरती होन लगी है

 जगमग जगमग जोत जली है, राम आरती होन लगी है

भक्ति का दीपक प्रेम की बाती, आरति संत करें दिन राती,

आनन्द की सरिता उभरी है, जगमग जगमग.......


कनक सिंघासन सिया समेता, बैठहिं राम होइ चित चेता,

वाम भाग में जनक लली है, जगमग जगमग.......

आरति हनुमत के मन भावै, राम कथा नित शंकर गावै,

सन्तों की ये भीड़ लगी है, जगमग जगमग.......

गावत यश ब्रम्हा मुनि नारद, अन्य मुनि जे पथ परमारथ,

हनुमान पद प्रीत जगी है, जगमग जगमग.......

बाम भाग सिय सोहत कैसी, ब्रम्ह जिव विच माया जैसी,

भरत शत्रुघ्न चवर फबी है, जगमग जगमग.......

करत अपावन पावन जग में, नाम राम को आवत हिय में,

मन मंदिर में आस लगी है, जगमग जगमग.......


जगमग जगमग जोत जली है, राम आरती होन लगी है

बोलिये श्रीरामचन्द्र भगवान की जय

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दुर्गा माता कथा

एक समय बृहस्पति जी ब्रह्माजी से बोले- हे ब्रह्मन श्रेष्ठ! चौत्र व आश्विन मास के शुक्लपक्ष में नवरात्र का व्रत और उत्सव क्यों किया जाता है?

दिल में श्री राम बसे हैं, संग माता जानकी(Dil Mein Shree Ram Base Hai Sang Mata Janki)

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,

भोले नाथ का मैं बनजारा (Bholenath Ka Main Banjara)

भोले नाथ का मैं बनजारा,
छोड़ दिया मैंने जग सारा,

भगवान बुद्ध वन्दना (Bhagwan Buddha Vandana)

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स ।
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स ।