ॐ जय छठी माता,
मैया जय छठी माता, तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।
ॐ जय छठी माता कार्तिक षष्ठी को मैया,
व्रत तेरा आता, निर्जला व्रत जो रखता, फल उत्तम पाता।।
ॐ जय छठी माता चतुर्थी के दिन पावन, नहाय खाय आता,
बाद दिवस जो आये, खरना कहलाता।।
ॐ जय छठी माता ठेकुआ, नारियल, फल से सूप भरा जाता,
डलिया माथे सजाके, घाट पे जग जाता।।
ॐ जय छठी माता संध्या को जल में खड़े हो,
अर्घ्य दिया जाता, प्रात अर्घ्य से छठ व्रत, संपन्न हो जाता।।
ॐ जय छठी माता छठी मैया की आरती जो कोई नर गाता,
मैया जो कोई जन गाता, दुःख दारिद्रय हैं मिटते, संकट टल जाता।।
ॐ जय छठी माता ॐ जय छठी माता, जय जय छठी माता,
तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।
बोलिये छठी मैया की जय
आज 04 अप्रैल 2025 चैत्र माह का उन्नीसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि सप्तमी है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर शोभन योग है।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है। यह नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना और साधना का विशेष समय होता है। इस दौरान कई लोग उपवास रखते हैं, लेकिन कुछ लोग किसी कारणवश व्रत नहीं रख पाते।
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा और आराधना से होती हैं, जो मां दुर्गा का पहला स्वरूप है। मां शैलपुत्री को शक्ति, भक्ति और त्याग का प्रतीक माना जाता है, इसलिए चैत्र नवरात्रि का पहला दिन विशेष महत्व रखता है।
हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हिंदू नववर्ष के साथ होती है। यह पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ समय माना जाता है और पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है।