श्री पार्वती माता की आरती (Shri Parvati Mata Ki Aarti)

ॐ जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता।

ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥

ॐ जय पार्वती माता....


अरिकुल पद्म विनाशिनि, निज सेवक त्राता।

जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता॥

ॐ जय पार्वती माता....

 

सिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा।

देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥

ॐ जय पार्वती माता....


सतयुग शील अति सुन्दर,नाम सती कहलाता।

हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥

ॐ जय पार्वती माता....


शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता।

सहस्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥

ॐ जय पार्वती माता....


सृष्टि रूप तुही है जननी, शिवसंग रंगराता।

नन्दी भृंगी बीन लही, सारा जग मदमाता॥

ॐ जय पार्वती माता....


देवन अरज करत, हम चित को लाता।

गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥

ॐ जय पार्वती माता....


श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।

सदा सुखी नित रहता, सुख सम्पत्ति पाता॥

ॐ जय पार्वती माता....


पार्वती मैया की जय


वैसे तो श्री पार्वती माता की आरती करने के लिए सभी दिन शुभ माने जाते हैं, लेकिन इन दिनों को विशेष माना जाता है-


- मंगला गौरी व्रत के दिन (सावन में पड़ने वाले सभी मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत करने का विधान है)

- संतान सप्तमी के दिन (भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को)

- हरतालिका तीज (भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को)

- मंगलवार (सप्ताह का दिन)

- शुक्रवार (सप्ताह का दिन)

- पूर्णिमा (प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि)

- नवरात्रि के दौरान (चैत्र और आश्विन मास में)

- श्रावण मास (हिंदू कैलेंडर का पांचवां माह)


इसके अलावा, आप श्री पार्वती माता की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:


- सुबह के समय (सूर्योदय के समय)

- दोपहर के समय (12 बजे से 1 बजे के बीच)

- शाम के समय (सूर्यास्त के बाद)


आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान पार्वती माता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।


श्री पार्वती माता की आरती करने से कई लाभ होते हैं, जैसे-


महिलाओं को विशेष लाभ: पार्वती माता की आरती करने से महिलाओं को विशेष लाभ होता है, जैसे कि सुखी वैवाहिक जीवन, संतान प्राप्ति और घरेलू सुख।

शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति: पार्वती माता की आरती करने से विद्यार्थियों को शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति होती है और उनकी बुद्धि में वृद्धि होती है।

कला और संगीत की प्राप्ति: पार्वती माता की आरती करने से कलाकारों और संगीतकारों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त होती है।

परिवार की एकता और सुख: पार्वती माता की आरती करने से परिवार की एकता और सुख में वृद्धि होती है और परिवार के सदस्यों में प्रेम और सहयोग की भावना बढ़ती है।

आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति: पार्वती माता की आरती करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है और वह अपने जीवन में अधिक स्थिरता और शांति महसूस करता है।


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